अगर आप एक पंखा के लिए सोलर पैनल इनवर्टर एवं बैटरी के तलाश में है एवं इसका का खर्चा के बारे में जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही पोस्ट को ओपन किए हैं।
आज के समय में सोलर एनर्जी का डिमांड धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है क्योंकि ये सौर ऊर्जा से चलता है और इसे सिर्फ अपने छत के ऊपर लगा देना होता है।
वैसे तो सोलर पैनल से बड़ा बड़ा उपकरण चल रहा है लेकिन अगर आपके पास सिर्फ एक पंखा एवं साथ में बल्ब और टीवी वगैरह है तो इसके लिए सोलर का खर्चा कितना आएगा इसी बात की चर्चा इस पोस्ट में करेंगे।
इस पोस्ट को पढ़कर आप ये जान पाएंगे कि एक पंखा के लिए सोलर पैनल इनवर्टर एवं बैटरी कितना लगाएं और इसका टोटल खर्चा कितना आएगा।
यहां पर हम कम बजट वालों के लिए सोलर लगाने का तरीका बताएंगे एवं जिनके पास बजट है उनके लिए भी सिर्फ सोलर पर ही पंखा चलाने के लिए पैनल की गणना करेंगे ताकि बिजली की पूरी तरह से बचत हो पाए।
एक पंखा के लिए सोलर पैनल
पंखा मुख्य रूप से 2 तरह के होते हैं एक सीलिंग फैन और दूसरा टेबल फैन।
सीलिंग फैन ज्यादा वाट का होता है और टेबल फैन कम वाट का। यानी सीलिंग फैन के लिए ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है।
यहां पर हम सीलिंग फैन के लिए सोलर पैनल की बात करेंगे और एक सीलिंग फैन करीब 90 वाट तक का होता है।
एक घर में सिर्फ सीलिंग फैन ही नहीं होता है बल्कि साथ में 5 से 10 बल्ब भी होते हैं और टीवी भी हो सकते हैं।
अब हम एक सिलिंग फैन, 10 एलईडी बल्ब और एक टीवी इन सब के लिए सोलर पैनल इनवर्टर और बैटरी कितना लगेगा इसके बारे में जानेंगे।
सबसे पहले हम ये जानेंगे कि हमारे पास जितना उपकरण है वो कुल मिला के कितने वाट का उर्जा खर्च कर रहा है इसके लिए नीचे दिए गए टेबल देखें।
उपकरण | Watt |
एक सिलिंग फैन | 90 Watt |
10 एलईडी बल्ब | 80 Watt |
एक टिवी | लगभग 40 Watt |
कुल | 210 Watt |
यानी हमारे पास पंखा टीवी और बल्ब मिलाकर 210 वाट हो रहा है तो हम इसी हिसाब से सोलर पैनल इनवर्टर और बैटरी का हिसाब किताब लगाएंगे।
वैसे तो 210 वाट के उपकरण को चलाने के लिए 210 वाट का पैनल कम से कम होना चाहिए।
लेकिन हमें तीन गुना पैनल लगाना चाहिए यानी करीब 600 वाट का पैनल क्योंकि हमें इन सभी उपकरण को रात में भी चलाना होता है।
इसलिए अगर ज्यादा पैनल रहेगा तो फिर बैटरी को इतना चार्ज कर पाएगा की रात के लिए भी बैकअप हो पाएगा।
इसके अलावा कभी कभी धूप की कमी भी हो जाती है बादल आ जाते हैं या फिर बारिश होने लगती है।
तो अगर आप ज्यादा पैनल लगा रखे हैं तो कभी कभी धूप ना भी मिलेगा तो भी आप का बैटरी का चार्ज इतना बना रहेगा कि आप अपने उपकरण को 24 घंटा चला पाएंगे।
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तो हमने ये तय कर लिया है कि अपने 200 वाट के उपकरण को चलाने के लिए हम 600 वाट का पैनल इंस्टॉल करेंगे।
वैसे आप 600 वाट के पैनल से एक के जगह दो या तीन पंखा भी चला सकते हैं लेकिन एक पंखा टीवी एवं बल्ब को आप 24 घंटा चला पाएंगे।
600 वाट के पैनल के लिए हमारे पास कम से कम 1000va इनवर्टर और 150ah का बैटरी होना चाहिए।
आप चाहे तो 15 va का इनवर्टर लगा सकते हैं तो इससे फायदा ये होगा कि आगे चलकर जब आप पैनल बढ़ाएंगे तो आपको इनवर्टर बदलने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
600 वाट के पैनल आपके 1 पंखे को दिनभर चलाएगा और 150ah बैटरी को फुल चार्ज कर देगा। अब इससे ये होगा कि आप रात में भी उस बैटरी से पंखा चला पाएंगे साथ ही टीवी और बल्ब भी।
600 वाट का एक पैनल नहीं होता है बल्कि हमें 160 वाट का अलग-अलग पैनल 12 volt में लेकर 600 वाट के आसपास पूरा करना होता है।
अगर हम 160 वाट का 4 पैनल ले लेते हैं तो कुल मिलाकर 640 वाट हो जाता है और ये एक पंखा 10 बल्ब और एक टीवी को 24 घंटा चलाने के लिए बहुत है।
अभी के समय में 160 वाट का एक पैनल करीब ₹6000 के आसपास में आता है।
तो इस हिसाब से 4 पैनल का करीब ₹24000 हो जाते हैं।
150ah का बैटरी भी अभी के समय में करीब 13 से ₹14000 के आसपास में आ जाता है।
और 1000 va का इनवर्टर ₹6000 के आसपास में मिल जाएगा।
तो इस हिसाब से 4 पैनल एक बैटरी और एक इनवर्टर का कुल खर्चा करीब 44 हजार के आसपास हो जाएगा।
कम खर्चा में एक पंखा के लिए सोलर पैनल
अगर आपके पास बजट कम है तो आप 4 पैनल के जगह सिर्फ 2 पैनल ही लगा सकते हैं इससे भी आपका एक पंखा आसानी से चल जाएगा लेकिन बीच-बीच में बिजली का भी इस्तेमाल करना पड़ेगा।
क्योंकि 2 पैनल एक पंखा को 24 घंटा चला तो देंगे लेकिन जैसा कि हमने बताया कभी कभी धूप की कमी हो जाती है तो उस स्थिति में पावर कम पड़ सकता है।
2 पैनल के लिए बैटरी और इनवर्टर वही रहेगा जो हमने ऊपर बताया यानी 150ah की बैटरी और 1000 va का इनवर्टर।
कई लोग कम पैनल लगा कर भी अपने इनवर्टर को बिजली के साथ कनेक्ट करके अपना उपकरण चला लेते हैं।
इससे होता ये है कि पैनल से भी बैटरी चार्ज होता है और बिजली से भी।
क्योंकि सोलर इनवर्टर इस तरह से डिजाइन होते हैं कि वो पैनल से भी पावर लेकर बैटरी को चार्ज करते हैं और बिजली से भी पावर लेकर बैटरी को चार्ज करते हैं।
इसके लिए जब आप अपने घर में सोलर पैनल इंस्टॉल करें तो इनवर्टर से बिजली वाला तार को बिजली में लगा दें।
फिर आपका सोलर इनवर्टर बिजली और सोलर पैनल दोनों तरफ से पावर लेकर बैटरी को चार्ज करता रहेगा।
और इससे फायदा ये होगा कि धूप ना होने पर भी आपका बैटरी चार्ज हो होता रहेगा।
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सोलर कहां से खरीदें
भारत में कई सारी सोलर पैनल इनवर्टर और बैटरी बनाने वाली कंपनियां हैं जैसे लूम सोलर, यूटीएल सोलर, पतंजलि सोलर, टाटा सोलर इत्यादि।
इन सभी कंपनियों के पास आपको पूरा सेट मिल जाएगा यानी पैनल से लेकर इनवर्टर और बैटरी भी उपलब्ध कराती है ये कंपनियां।
आप इसमें से किसी भी कंपनी के डीलर से संपर्क कर सकते हैं या फिर इनके कस्टमर केयर में कॉल करके भी बात कर सकते हैं।
आप चाहे तो सोलर पैनल इनवर्टर एवं बैटरी को ऑनलाइन बुक कर सकते हैं इसके लिए आप इन कंपनियों के ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
नोट: ध्यान रहे इनवर्टर एवं बैटरी सोलर वाला ही खरीदें, सोलर इनवर्टर एवं सोलर बैटरी नॉर्मल इनवर्टर एवं बैटरी से अलग होते हैं।
सोलर पैनल कैसे लगाएं
अगर आप डीलर से संपर्क करके सोलर पैनल इनवर्टर और बैटरी खरीदते हैं तो वो डीलर ही आपके एड्रेस पर मैकेनिक को भेजकर आपके यहां सोलर पैनल को इंस्टॉल करते हैं।
और यदि आप ऑनलाइन सोलर पैनल मंगवाते हैं तो फिर इसे आप को खुद से इंस्टॉल करना होता है।
इसके लिए लोहे के एंगल में अपने छत पर पैनल को फिट कर दें और उसमें से आया हुआ तार को इनवर्टर में लगाएं और फिर इनवर्टर के तार को बैटरी में।
अब इनवर्टर से आउटपुट तार को अपने घर में कनेक्शन दे दें जिससे पंखा टीवी वगैरह चलेगा।
ध्यान रहे सोलर के तार इनवर्टर में लगाते समय नेगेटिव एवं पॉजिटिव तार का ध्यान रखें।
सोलर को जी आई एंगल पर लगाएं
जी आई एंगल बारिश में सड़ता नहीं है या जंग नहीं पकड़ता है जबकि लोहे का एंगल दो 4 साल के बाद जंग पकड़ के सड़ने लगते हैं।
इसलिए अपने छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए जी आई का एंगल ही मंगवा ले।
160 वाट का 2 पैनल लगाने के लिए करीब 25 सौ रुपए के आसपास में जी आई का एंगल का सेट सोलर वाले के यहां ही मिल जाता है।
एंगल को छत पर नटबोल्ट के द्वारा सेट किया जाता है लेकिन नट बोल्ट लगने के बाद भी सीमेंट का मसाला डालें इससे मजबूती बनी रहती है।
क्योंकि बारिश के मौसम में तेज आंधी चलती है और सिर्फ नट बोल्ट पर रखने पर हो सकता है कि आप के पैनल को हवा उड़ा ले जाए।
Poly Panel vs Mono Panel
Poly Panel और Mono Panel दोनों अलग-अलग तरह से डिजाइन किए गए होते हैं। Poly के तुलना में Mono पैनल महंगे होते हैं क्योंकि ये कम धूप में भी पूरा पावर देते हैं।
इस पोस्ट में हमने Polycrystalline के बारे में जानकारी लिए हैं क्योंकि इसी पैनल को ज्यादातर लोग लगाते हैं।
जिन इलाकों में धूप की कमी होती है उधर monocrystalline पैनल लगाया जाता है क्योंकि ये पैनल बादल होने पर भी उतना ही पावर देता है जितना धूप होने पर।
सोलर पैनल के परफॉर्मेंस की वारंटी 25 साल की होती है लेकिन हो सकता है अलग-अलग कंपनियां वारंटी की अवधि अलग-अलग देवें।
इनवर्टर की वारंटी 2 साल की होती है एवं बैटरी की 3 साल से लेकर 5 साल तक की।
इसमें सभी कंपनियों के वारंटी अलग-अलग हो सकते हैं आप सोलर पैनल खरीदते समय वारंटी की जानकारी पहले से ले लिया करें।
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और अंत में
तो हमने यहां पर एक पंखा के लिए सोलर पैनल इनवर्टर एवं बैटरी का खर्चा जाना एवं साथ ही अलग-अलग कंपनियों के सोलर पैनल के बारे में भी जानकारी लिया।
हमें उम्मीद है इस पोस्ट को पढ़कर आपके सवालों का उत्तर मिल चुका होगा आप अपना प्रतिक्रिया नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।