5G क्या है 5G नेटवर्क को पिछले साल व्यवसायिक तौर पर रोल आउट किया गया। भारत में 5G network को लॉन्च कर दिया गया है और इसके साथ ही उद्योगपति मुकेश अंबानी ने 5G तकनीक के फायदों के बारे में जानकारी दिये।
High speed 5G network को सबसे पहले अमेरिका और दक्षिण कोरिया में चालू किया गया था इसके बाद इसकी शुरुआत चीन एवं और भी कई यूरोपीय देशों में व्यवसायिक तौर पर रोल आउट किया गया।
भारत में भी दिवाली के बाद 5 शहर दिल्ली मुंबई कोलकाता वाराणसी चेन्नई एवं राजस्थान में 5जी को लांच किया गया था लेकिन अभी फिर से 2 शहर हैदराबाद एवं बेंगलुरु में भी इसे बहाल कर दिया गया है।
वैसे अभी रिलायंस जिओ 5G सेवा का प्लान नहीं निकाला है इसे फिलहाल Jio Welcome Offer के तहत अपने यूजर्स को Free Trial के रूप में इस्तेमाल करने के लिए दिया जा रहा है।
इस पोस्ट में हम जानेंगे कि 5g क्या है और 4जी के तुलना में इस का स्पीड कितना होगा।
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भारत में 5g network speed क्या होगा
भारत में 5G network का speed वर्तमान में 4G नेटवर्क से 10 गुना ज्यादा होगा यानी कि ये 4G नेटवर्क के मुकाबले 10 गुना ज्यादा तेजी से डाटा को ट्रांसफर कर सकेगा।
अभी तक जिस मूवी को डाउनलोड करने में 25 से 30 मिनट लगता था उस मूवी को 5G नेटवर्क सिर्फ कुछ ही सेकंड में डाउनलोड कर देगा।
यही नहीं 5G network के जरिए ultra HD quality की video calling भी संभव हो सकेगा, साथ ही smart devices मे strong connectivity मिल पाएगी।
तो ऐसे में 5G network के जरिए आपका घंटों का काम सेकंडो में हो जाया करेगा और आपका समय का पूरा बचत हो पाएगा।
पांचवी जनरेशन का network यानी कि 5G नेटवर्क सिर्फ कनेक्टिविटी ही बेहतर प्रदान नहीं करेगी बल्कि आपके life style को रोमांचक एवं तेज बनाएगी।
5G Natwork के फायदे क्या है?
1 अक्टूबर 2022 को पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा 5G के लॉन्चिंग का ऐलान करने के साथ ही उद्योगपति मुकेश अंबानी ने 5G के 5 फायदे बताए हैं जिसे हम एक-एक करके नीचे आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
1. 5G के लांच हो जाने के बाद भारत में खासकर के स्टूडेंट को हाई क्वालिटी का एजुकेशन पाने में काफी सहायता मिलेगी।
5जी के मदद से छात्र ऑनलाइन अपने पढ़ाई में तेजी ला पाएंगे क्योंकि यह 4G के अपेक्षा काफी ज्यादा तेज चलेगा।
2. स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों को 5G के जरिए हाई क्वालिटी का हेल्थ केयर में पहुंच बन पाएगी। 5G नेटवर्क के कवरेज एरिया में रहने वाले ग्रामीण लोगों को भी इससे काफी फायदा मिलेगा।
3. 5G तकनीक के वजह से शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों की दूरियां कम हो जाएगी। 5G के जरिए एग्रीकल्चर में लगे हुए लोगों को भी मदद मिलेगा और इससे व्यापारियों को भी फायदा होगा।
4. मुकेश अंबानी के मुताबिक 5जी तकनीक आ जाने के बाद भारत को दुनिया का इंटेलिजेंट कैपिटल बनाने में सहायता मिलेगी।
5. 5G तकनीक से नई नई नौकरियों का अवसर प्राप्त होगा और इससे भारत के बिजनेसमैन को भी काफी सहयोग मिलेगी।
भारत के कौन-कौन से शहरों में 5G की लॉन्चिंग होगी
पीएम नरेंद्र मोदी के 5G के लॉन्चिंग का ऐलान करने के साथ ही ये भी ऐलान किया गया कि फिलहाल शुरुआती में भारत के 13 शहरों के लिए 5G की लॉन्चिंग की जाएगी जो निम्नलिखित है।
- 1. दिल्ली
- 2. अहमदाबाद
- 3. बेंगलुरू
- 4. चेन्नई
- 5. चंडीगढ़
- 6. गांधीनगर
- 7. गुरुग्रामस
- 8. हैदराबाद
- 9. जामनगर
- 10. कोलकाता
- 11. लखनऊ
- 12. मुंबई
- 13. पुणे
5G क्या है कैसे काम करता है।
5G Kya Hai– 5G नेटवर्क खासतौर पर चार प्रकार के टेक्नोलॉजी NSA-5G यानी Nanstand alone 5G, SA-5G यानी standalone 5G, SUB-6 GHz एवं mmWave पर काम करता है।
इन चार technology के द्वारा user के device तक 5G network को connect किया जाता है।
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Nan-standalone क्या है
Nan-standalone 5G बेसिक 5G नेटवर्क बैंड होता है। शुरुआती में सभी network service providers यूजर्स को इसी बैंड के आधार पर network उपलब्ध कराते हैं।
एवं 4G लाइट के लिए उपलब्ध infrastructure को यूज करके 5G को डिप्लोय कर दिया जाता है। Telecom कंपनियां नेटवर्क की testing करने के लिए इसी स्पेक्ट्रम का यूज करती है।
Standalone 5G
Standalone 5G के नाम से ही पता चलता है कि यह पिछले infastructure पर रिलाई नहीं करता है। पुराने 4G लाइट network इस नेटवर्क बैंड पर रिलाई नहीं करता है।
Standalone 5G अपना खुद के cloud native नेटवर्क कोर पर काम करता है। दुनिया भर में कई अन्य देशों में इस स्पेक्ट्रम को अडॉप्ट किया गया है और ये वहां पर काम कर रहा है।
Sub-6 GHz 5g क्या है
Sub-6 GHz को नीड बैंड 5G spectrum frequency के नाम से जाना जाता है। एवं यहां पर network की frequency 6GHz से कम रहती है।
एवं इसका यूज low band telecommunications के लिए होता है। चीन एवं कई अन्य देशो मैं इसी network spectrum का यूज होता है।
mmWave 5G Kya Hai
mmWave को high band 5G network frequency कहते हैं। इस बैंड में 24GHz से भी ज्यादा का frequency का इस्तेमाल होता है, एवं यहां पे और भी ज्यादा बैंडविथ मिलता है।
अगर डाटा की स्पीड की बात करें तो यहां पे 1Gb प्रति सेकंड होता है। इसको डिप्लोय करने के लिए बहुत सारे छोटे एवं लोअर रेंज के cell phone tower का इस्तेमाल होता है ताकि coverage पूरा किया जा सके।
Dynamic network sharing क्या है
Telecom कंपनियां dynamic network sharing का इस्तेमाल 4G से 5G मैं network upgrade करने के लिए करती है, एवं ये technology NSA 5G spectrum के साथ ही संभव हो पाता है।
क्योंकि इसमें एक ही साथ में 5G network दो radio frequency का इस्तेमाल करती है। एवं डाटा की स्पीड और भी ज्यादा फास्ट हो जाता है तो ऐसे में device 4G लाइट के मुकाबले में और भी ज्यादा तेजी से network को एक्सेस कर पाता है।
Sub-6 GHz frequency क्या फायदा यह होता है कि यह फ्रीक्वेंसी कोई भी solid object जैसे बिल्डिंग मॉल इत्यादि को पेनिट्रेट करके 5G network connectivity बरकरार रखता है।
और ऐसे में हमें बिल्डिंग या मॉल के अंदर भी network connectivity मिलती रहती है।
5G Kya Hai भारत में 5G नेटवर्क कब आएगा
भारत में 5G नेटवर्क को शनिवार 1 अक्टूबर 2022 को पीएम मोदी जी के द्वारा लॉन्च करने का ऐलान किया गया था।
jio 5g एवं Airtel का कहना है कि वो 5जी रेडी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करना शुरू कर दिए हैं यानी non standalone 5G के लिए इन दोनों कंपनियों ने अपने नेटवर्क को तैयार कर रहे हैं।
इनका कहना है कि जैसे ही भारत में 5G स्पेक्ट्रम अलोकेट किया जाएगा तो ये यूजर को dynamic sharing technology का इस्तेमाल करके 4G लाइट के साथ 5G भी मुहैया कराना शुरू कर देंगे। एवं सभी को रेडियो फ्रीक्वेंसी के साथ-साथ नेटवर्क कनेक्टिविटी भी मिलने लगेगा।
5g vs 4g speed दोनों में क्या है अंतर?
4जी और 5G में बहुत बड़ा अंतर है और हम इसको 8 भागो में इस बड़े अंतर को बताने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें सबसे बड़ा अंतर 5G नेटवर्क के स्पीड का है।
5g vs 4g speed
इन दोनों नेटवर्क 5G और 4G सबसे खास एवं बड़ा अंतर स्पीड की है, 5G की स्पीड 4G से करीब 10 गुना ज्यादा होगा। अभी तक 4जी की मैक्सिमम आइडल स्पीड 100 Mbps की होती है, यानी करीब 100 mb प्रति सेकंड।
वही 5जी की स्पीड करीब 10Gbps रहेगी यानी एक सेकंड में 10GB का डाटा ट्रांसफर होगा। इससे ये साफ हो जाता है कि 4G की तुलना में 5G करीब 100 गुना ज्यादा तेजी से काम करेगा।
इंफ्रस्ट्रक्चर
अगर 4g और 5G के इंफ्रस्ट्रक्चर की बात करें तो आने वाले समय में इंटरनेट यूजर कई गुना बढ़ने वाले हैं और इस स्थिति में 4G का इंफ्रास्ट्रक्चर है वो कमजोर होता हुआ दिख रहा है इसलिए भी 5G के मजबूत इंफ्रस्ट्रक्चर की बहुत जरूरी है।
5G का इंफ्रस्ट्रक्चर भविष्य में बढ़ते हुए इंटरनेट यूजर के बोझ को आसानी से झेल पाएगा, इसलिए 4G और 5G में अंतर का दूसरा कारण हम इंफ्रस्ट्रक्चर को ही ले रहे हैं।
लैटेंसी (मैसेज जाने और आने में लगने वाला स्पीड को नापने वाला यंत्र)
उदाहरण के लिए अगर आप अपने किसी दोस्त को कोई मैसेज भेजते हैं तो वो मैसेज एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में जो समय एवं स्पीड लगता है इसी को नापने वाला यंत्र को लैटेंसी कहा जाता है।
मैसेज आने एवं आने का जो समय होता है ये इतना कम होता है कि हम इसे महसूस भी नहीं कर पाते हैं, ये समय बहुत ही कम होता है यानी मिलीसेकंड का ही होता है। अब आप सोचिए जब 4जG में हम इस समय को महसूस नहीं कर पाते हैं तो 5G में आपके द्वारा भेजा हुआ मैसेज कितना स्पीड से जाएगा एवं आएगा।
बफरिंग (वीडियो को एक फ्रेम में लगाने वाला यंत्र)
जब आप ऑनलाइन कोई वीडियो चालू करते हैं तो उस वीडियो के सभी फ्रेम्स को इंटरनेट एक लाइन में सजाते हैं और फिर वो वीडियो चलना शुरू होता है, इसी फ्रेम को सजाने वाले यंत्र को बफरिंग कहते हैं।
जब आपके मोबाइल का net speed fast होता है तो आपको ये फ्रेम सजते हुए दिखता भी नहीं है तुरंत वीडियो चालू हो जाता है, लेकिन वहीं जब आपके नेट स्पीड स्लो होता है तो आपने गौर किया होगा वीडियो चालू होने के पहले फ्रेम इधर से उधर भागते हुए दिखते हैं और फिर वीडियो चालू होता है।
वैसे तो 4G नेटवर्क में भी हमें किसी वीडियो या गेम में बफरिंग की समस्या ना के बराबर दिखती है अब आप सोच सकते हैं 5G में ये कितने स्पीड से चलेगा।
लोडिंग
जब आप किसी भी ब्राउज़र में कुछ लिखकर सर्च करते हैं तो रिजल्ट आने में जो थोड़ा सा समय लगता है उसी को लोडिंग कहते हैं, 4G में इस लोडिंग का स्पीड 20ms प्रति सेकंड का होता है लेकिन यही लोडिंग का स्पीड 5G में 2ms प्रति सेकंड होने की बात कही गई है।
अब आप सोच सकते हैं 5G नेटवर्क में आप किसी ब्राउज़र में कुछ लिखकर जैसे एंटर करेंगे वैसे चीजें आपके सामने आ जाएगी यहां पर लोडिंग का मतलब ही खत्म सा हो जाएगा।
नेटवर्क कंजेशन
उदाहरण के लिए आपके एरिया में एक टावर से अभी तक 50 लोग अपने मोबाइल या कंप्यूटर को कनेक्ट कर रहे थे लेकिन समय के साथ उपभोक्ता बढ़ते हैं और एक ही टावर से 50 के जगह 100 लोग कनेक्ट होने लगते हैं तो इस स्थिति में हमारे पास नेटवर्क कंजेशन का समस्या आने लगता है।
5G आने के बाद नेटवर्क कंजेशन की समस्या लगभग खत्म हो जाएगी क्योंकि ये बढ़ते हुए उपभोक्ता को रिफ्रेश करके बराबर का स्पीड दिया करेगा ऐसा बताया जा रहा है।
ऑनलाइन गेमिंग लैग
कई बार आपने गेम खेलते हुए ये पाया होगा कि आपने अभी कोई बटन दबाया और कुछ सेकंड बाद उसका रिस्पांस आपको देखने को मिला इसी को हम गेम लैग कहते हैं।
5G नेटवर्क में गेम लैग होने की कोई समस्या नहीं रह जाएगी। अगर आपने पब्जी जैसा गेम खेला होगा तो आपने पाया होगा कि जब आप किसी को गोली मारने के लिए बटन दबाते हैं लेकिन गोली थोड़ी देर बाद निकलती है ये समस्या 4G में होता है लेकिन 5G में इस तरह के समस्या पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे।
क्लाउड गेमिंग
जैसे आप यूट्यूब नेटफ्लिक्स या अमेजॉन जैसे प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन सो देखा करते हैं वैसे ही आप 5G नेटवर्क पर किसी भी गेम को ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के जरिए खेल पाएंगे, फिर आपको किसी भी गेम के लिए एप्लीकेशन डाउनलोड करने की आवश्यकता नहीं रह जाएगी।
तो ऊपर हमने 8 चरणों में 4G vs 5G speed से लेकर अन्य कई तरह के अंतर का विश्लेषण किया अब आप ये समझ गए होंगे कि 4G और 5G में क्या अंतर है।
तो हमने यहाँ पर जाना 5g क्या है, कैसे काम करता है, 5g network speed क्या है, 5g network in india launching date, उम्मीद है आपके सवालो का जवाब मिल गया होगा अगर फिर भी आपका कोई सवाल या सुझाव है तो निचे कमेंट जरूर करे
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